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मैं बस सियासी राजनीती करुँगी

नहीं मैं नहीं कहूँगी कुछ, आखिर उनके पैर ही तप रहे हैं. नहीं मैं नहीं कहूँगी कुछ घर जाने की जिद्द भी तो वही पकड़ कर बैठे हैं, नहीं मैं नही कहूँगी कुछ एक खतरे से बचने के लिए ही तो वो जा रहे हैं नही मैं नही कहूँगी कुछ समाज को ताक पर डाले चले जा रहे हैं. नही मैं नही कहूँगी कुछ गलती भी तो उनकी है जो घरबार छोड़ वापिस जाने को हैं मैं बस सियासी राजनीती करुँगी मैं बस सियासी राजनीती करुँगी #Congress #Government

मां, मुझे माफ़ करना

मां, मुझे माफ़ करना. हर साल की तरह, इस दफा न आ पाऊंगा हर साल की तरह, इस दफा न आ पाऊंगा. जानती हो मां तुझसे मिलने को बेताब हूं फिर भी मैं हताष हूं न आ पाऊंगा मैं मां जानती हो मां, इन छुट्टी के दिनों में मैं, इन छुट्टी के दिनों में मैं, तुम्हे समझने लगा हूं. समझने लगा हूं,  तुम्हारी दुनिया में कोई और क्यों न था बस मैं, पापा, और दीदी. यूं तो ये दिन घूमने फिरने वाली छुट्टी के दिनों जैसी नहीं  मगर ये छुट्टी बिलकुल तुम्हारी ज़िन्दगी जैसी है. मां, सोचता था की क्या तुम नही थकती  थकती हो तो कुछ कहती क्यों नही? आज समझता हूं, घर के काम ही तुम्हारे हवाले थे माफ़ करना मां कभी घर रहकर तुम्हारा हाथ न बटा पाया मगर इन छुट्टियों में तुझ सा घर संभालना सीख गया माफ़ करना इस दफा मैं नही आ पाया  डर है मां इन छुट्टियों में  तेरी याद आती है मां खाना बनाने के बहाने से  तुझे देखता हूं दूर रहकर भी तुझे थोड़ा सता लेता हूं  मानता हूं तुझे भी मेरी फिक्र होती होगी   मगर मां तुम अपना ख्याल ज्यादा रखना हो सका तो सब ठीक होने के बाद मैं आऊंगा तुझसे मिलने औ

वजूद

आज  कोई  अपना सा मिला  बातें हुईं कुछ इस तरह  मानो कितनी गलतफैमियाँ सी हों  दादा  कहा करते थे मेरा वतन ऐसा था  वही लफ़ज़ उसके उसके दादा ने भी कहे  सीमायें अलग मगर बातें एक सी  आज पहली बार लगा अपने वजूद को जाना हो  दुनिया के लिए ख्वाब सा  मेरे लिए ज़रुरत सी बन गयी  आज़ादी दो मुल्कों की हुई  मगर वजूद की बंदगी हो गई अफ़सोस तोह बहोत होगा दोनों के दिलों में बचपन से आखिरी समय में मिल भी न पाएं  लोगों ने पूछा होगा कहाँ खोया है अपने अपना वजूद  मगर कोई कैसे समझाए वजूद तो बचपन में होता  है तैयार  सोचता हुँ  मेरा वजूद क्या था कोई कैसे बताये  हज़ारों मिलो की दुरी लाखों मिलो सी हो गई  माँ की गोद में जहां सर रख कर सोया था वो यादें भी मुझसे दूर होने सी लगी क्यों बट सा गया मैं दो मुल्कों में  उस मीट्टी की खुशबू आज भी सूंघना चाहू  मगर किसीको कैसे समझाऊँ क्या हुआ था मेरे मुल्क के साथ  दिल जैसे मेरे पास है वैसा उनके पास भी होगा  कट्टरपन का शिकार कुछ युं हुआ  दो मुल्कों में बाँट दिया गया मेरा वजूद दादा की आँखो का ग़म समझ न पाया  बस एक नफरत से दूसरे को देखता गया

कितनी जल्दी बीत गए ये दिन

देखो न, कितनी जल्दी बीत गए ये दिन लगता है  कल ही तो school में आयी थी आज तुम शैतान juniors ने farewell दे दी  कितनी जल्दी बीत गए ये दिन देखो न,  कितनी जल्दी बीत गए ये दिन कल ही तो डांट खायी थी principal मैडम से  और देखो आज हो रहा ये सिलसिला भी खत्म  कल ही तो exams marks दिखाकर Manoj sir ने डराया था  कल ही तो मैथ्स  वाली मैडम ने कहा था मैथ्स ज़िन्दगीभर काम आएगी और देखो एकाउंटेंसी के  क्रेडिट डेबिट में  खो सी गई  मैं लगता है कल की ही तो बात है  देखो न,  कितनी जल्दी बीत गए ये दिन कल ही तो हिंदी  की मात्रा के लिए notebook मेरी लाल हुई थी  अरे कल ही की तो बात  Grammatical  mistake के लिए marks कटे थे  देखते देखते social science,  social science eco  में बदल गयी  उफ्फ  कल ही तो था जब लगता था science मेरे किस काम कि  आज देखो मेरी activa भी science हो गई  लगता है कल की ही तो बात है देखो न,  कितनी जल्दी बीत गए ये दिन I'm seriously gonna you, teachers दोस्तों से तो यूँही होती रहेंगी मुलाकातें कई पर अब teachers आपसे होगी मुला

धुंधली याद हो तुम

एक धुंधली याद हो तुम तस्वरों में बसी हो फिर भी मेरे लिए फिर भी मेरे लिए एक धुंधली याद हो तुम याद नहीं कैसी दिखती थी मगर याद है तुम्हारी लाडली थी याद नहीं कैसे मेरे नाम के बारे में सोचा मगर याद है वो नाम जो तुझसे मिला एक धुंधली याद हो तुम एक धुंधली याद हो याद नहीं सबसे पहला शब्द क्या बोला पर याद है अपने पहले कदम जो में चली याद नहीं कौनसे कॉलेज जाती थी मगर याद है तुम्हारा वो इंतज़ार याद नहीं क्या खेलती थी  मगर याद है उस खेल की खुशी एक धुंधली याद हो तुम एक धुंधली याद हो ज़िंदा आज भी हो अपने चाचा की यादों में चाची के किस्सों में अपनी बहन के दिल में ना जाने कैसी जल्दी में थी तुम धुंधली याद बन गई हो एक धुंधली याद हो तुम।

I am an Indian

आज जो लिख रही हु शायद पंहुचा दे ठेस आपके दिल को पर I am sorry in advance... किसी ने मुझे बड़ी बेशर्मी से कुछ बातें सुनाते हुए पूछा Are you an Indian? मैंने भी बड़े proud से कह दिया Yes I am an Indian मैंने भी कह दिया मैंने भी कह दिया , So what we worship Durga, Lakshmi, Sarswati मगर हमारी माँ की क्या condition है उसके लिए you don’t need to peep into anyone’s house Just have look at our rivers, man!  Yeah I’m an Indian हाँ ! We do worship girl child हर नवरात्री हम मोहल्ले से चुन चुन कर लडकियो को घर लाकर पूजते हैं   U know we are so proud to worship girl child but But, we don’t want Girl Child of our own Yeah I am an Indian We are so proud of our elders   we do love the sacrifices of our dad That we built a building for them to spend their time और किसी दिन बड़ी शान से हम उन्हें वहा छोड़ भी आते हैं मनो Ganga नाहा लिए हो हमारी इस building का common name है अरे भई mutual understanding से रखा है हमने ये नाम नाम है Old age home Yeah I am a

कैसा ईश्क है

राहों में फिर हौंसला जगा है, हुस्न ए इश्क हुआ है या दिल ए ईबाद्त है ये क्या क्हूं इस अजब के रिस्क को आखिर कैसा इश्क है अब ज़रा ध्यान दो चाहत तो बहुत है उसकी फिर भी उसे पाने की ख्वाईश नहीं हैरान तो मैं भी बहूत हूं हैरान तो मैं भी बहूत हूं पर क्या समझायूं confuse तो मैं भी बहूत हूं आखिर कैसा इश्क है उसकी आँखों की वो चमक मुस्कान का वो भोलापन मानो सदियां गुज़ार दी हों इस सकून की तलाश में मानो सदियां गुज़ार दी हों मैंने आखिर कैसा इश्क है पल पल उसे देख गुज़ारा लम्हा याद मुझे है उसकी वो बातें भी दिल के करीब हैं रातों को जागकर काटा है उसकी उन बहकाती बातों को सुनने के लिए फिर भी उसे पाने की चाहत नहीं मुझे आखिर कैसा इश्क है इस इश्क में दिल तो टूटता है लाखों मरतबा, पर इसकी खासियत भी गज़ब है इस दिल के टूटने पर चादर या तकिया रात भर आँखों से बहते पानी की दुहाई नहीं दे देते उल्टा कुछ फर्क नहीं पङने वाला Attitude देते हैं Attitude देते हैं आखिर कैसा इश्क है आखिर कैसा इश्क है